अपराधों का एक कारण अधिक नशा सेवन भी है

भारत की पहचान जहां    समृद्ध साली देशों में होती है वही यहां की सभ्यता अतिथि देवो भव के साथ साथ इसे विश्व गुरु के रूप में भी जाना जाता है। देश में दिनोंदिन पश्चिमी तौर-तरीकों का अनुसरण कर शराब व अश्लील चलचित्र से भ्रमित होकर देश का भविष्य कहे जाने वाले नौजवान असीमित मदिरा सेवन कर अपने जीवन को तबाह करने पर तुला है ऐसा साफ दिखाई दे रहा है।         


अधिक शराब सेवन का एक कारण यह भी है कि सरकारों में ज्यादा से ज्यादा राजस्व कमाने की होड़ लगी हुई है । परिणाम स्वरूप देश के हर राज्य में प्रत्येक मार्केट व चौराहों पर  अनगिनत शराब के ठेके खोले जा रहे हैं, जहां पर खरीदारों की लंबी-लंबी कतारें लगी रहती हैं इन कतारों में हर उम्र के लोग पाए जाते हैं यहां तक कि देश के नौनिहाल भी इस खरीद-फरोख्त व नशा सेवन में लिप्त हैं। एक तरफ हम देश को अग्रिम पंक्ति में ले जाने के लिए लालायित हैं  दूसरी तरफ  नशा सेवन से गारत होता देश का भविष्य चिंता का विषय है। अधिक नशा सेवन से नौजवान मानसिक रूप से विकृत होते जा रहे हैं जिसका भयानक परिणाम गैंग रेप बलात्कार आदि अपराध इनकी विकृत मानसिकता की पुष्टि  करते हैं। सरकारों को चाहिए कि तत्काल मादक पदार्थों अश्लील फिल्मों और विज्ञापनों पर रोक लगाकर मानव जीवन को बर्बाद होने से बचाया जाए। देश की अर्थव्यवस्था मजबूत करने के लिए अन्य प्रभावशाली विकल्पों की व्यवस्था करें ताकि स्वस्थ व मजबूत राष्ट्र का निर्माण हो सके।